शुभकामना गीत: महानायक अमिताभ बच्चन के नाम

अमिताभ उदय होते ही तुम, सारे जग पे छा जाते हो,
दर्शन होता जो पलभर भी, जन-जन मे घुलमिल जाते हो.

माँगा था कभी 'कन्हैया' ने, मैया लाओ चन्दा मामा,
अब बालक वृद्ध नर-नारि युवा, सबका ही हृदय तुमने थामा.
तेजी के तेज से चमके तुम, श्वेताम्बर नव्य सजाये हैं,
ऐश्वर्य रश्मियों के बल पर, ऊँचे जयकार लगाये हैं.

कई रूप धरे बदले अक्सर, चलचित्र जगत की राहों में,
इस मर्द शहंशाह नटवर को, लोगों ने बसाया यादों में.
हर अमर कथानक चित्रों में, जनमानस को संदेश दिया,
मंज़िल कोई भी दूर नहीं, ग़र मन में हमने ठान लिया.

किरदार निभाये जितने भी, 'गीता' के बोध कराते हैं,
अन्याय विरुद्ध स्वर मुखरित कर, अधिकार पे विजय दिखाते हैं.
एक आम आदमी ही अक्सर, जन-जन का नायक बनता है,
जो कर्म 'कृष्ण' के चुनता है और 'माँ' की सीख पे चलता है.

कलियुग में 'राम' की मर्यादा का, तुमने किया सच्चा पालन,
क्या खूब उतारा पितृ-ऋण, हो गया सफ़ल लालन-पालन.
हरिवंश के वंशज बारम्बार, भारत माँ तुम्हें बुलायेगी,
है उस सूरज से माँग भरी, इस रवि का तिलक लगायेगी.

तिनका बनता कैसे पर्वत, तुमसे ये हमने सीखा है,
झुकनेवाला ही वृक्ष सदा, फल-फूल सुशोभित दिखता है.
मीठी कोमल अमृत वाणी के जादू हमको दिखलाये,
एक शान्त सरोवर सा बनके, हर दिल में तुम ही तुम छाये.

जिनकी-जिनकी किस्मत बदली, उनको 'कुबेर' से दिखते हो,
ऐसे गृह में भगवान सदृश, नित प्रतिदिन पूजित होते हो.
है विश्वपटल पर आलोकित, सर्वोपरि अमिट तुम्हारा नाम,
जिस भूमि ने तुम्हें जन्म दिया, करते हैं हम उसको प्रणाम.

हर नौजवान पीढ़ी के लिये, आदर्श तुम्हारे सारे गुण,
हम शपथ तुम्हारी लेते हैं, बिसरा देंगे एक-एक अवगुण.
आराध्य हमारे अभिनन्दन, अभिषेक तुम्हारा करते हैं,
ऐसे महानायक रोज कहाँ, सदियों में पधारा करते हैं.

रहे दूर संकटों की छाया, बने जीवन खुशियों की क्यारी,
शत्रु ना टिक पाये कोई, जय मिले सदा बारी-बारी.
इस जनम-दिवस की शुभ बेला पर यही कामना करता हूँ,
ईश्वर ममता-दृष्टि रखना पूर्ण-हृदय प्रार्थना करता हूँ.  

गीतकार : आशुतोष श्रीवास्तव

Highlights

Most Popular Contents

Latest Contents